भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है, जहां की संस्कृति, अनूठी परंपराएं व समृद्ध इतिहास इसे अन्य देशों से अलग बनाते हैं। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी देश के अलग-अलग शहरों में भारत को करीब से जानने के लिए रूख करते हैं। भारत के अलग-अलग शहरों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं।
इस वजह से कुछ शहरों को उनके मूल नाम के अलावा उपनाम भी मिले हुए हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत में एक शहर ऐसा भी है, जिसे मोटर सिटी भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
भारत में कुल कितने शहर हैं
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में कुल कितने शहर हैं। आपको बता दें कि भारत में कुल 797 शहर हैं, जिनमें से 752 शहर राज्यों में हैं, जबकि अन्य शहर केंद्र शासित प्रदेशों में आते हैं। हालांकि, कुछ लेखों में हम इनकी संख्या 780 भी देखने को मिलती है।
किस शहर को कहा जाता है मोटर सिटी
अब हम यह जान लेते हैं कि आखिर भारत में वह शहर कौन-सा है, जिसे मोटर सिटी भी कहा जाता है। आपको बता दें कि पुणे शहर को मोटर सिटी भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है मोटर सिटी
पुणे व इसके आसपास, विशेष रूप से पिंपरी-चिंचवड़ में कई बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों के उद्योग स्थापित हैं। इनमें देश की प्रमुख ऑटो कंपनियों से लेकर कई बड़ी विदेशी कंपनियां तक शामिल हैं। ऐसे में यहां दोपहिया वाहनों से लेकर कार व वाणिज्यिक वाहनों का निर्माण किया जाता है।
अनुसंधान एवं विकास पर भी जोर
आपको बता दें कि पुणे शहर को सिर्फ वाहनों के निर्माण के लिए ही नहीं जाना जाता है, बल्कि यहां ऑटो कंपनियों के अनुसंधान एवं विकास सेंटर भी मौजूद हैं। यहां हजारों छोटे और मध्यम उद्योग हैं, जो कि बड़ी ऑटो कंपनियों के लिए छोटे पुर्जे बनाने का काम करती हैं और सप्लाई चेन का प्रमुख हिस्सा हैं।
पुणे में लगी पहली मोटर वाहन फैक्ट्री
पुणे में साल 1950 में ऑटो औद्योगिक विकास शुरू हो गया था। इसके तहत यहां 1960 में बजाज ऑटो में दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माण शुरू हुआ था। वहीं, 1964 में यहां टेल्को के रूप में टाटा मोटर्स की स्थापना हुई थी, जो कि उस समय बस और ट्रक चेसिस का निर्माण करती थी। हालांकि, टाटा मोटर्स को यहां पहली और प्रमुख फैक्ट्री माना जाता है। क्योंकि, यहां टाटा मोटर्स का जमशेदपुर के बाद सबसे बड़ा प्लांट था।
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