2025 में दुनिया में इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह संख्या लगभग 5.56 अरब लोगों तक पहुंच गई है, जो पिछले साल 2024 की तुलना में जनसंख्या वृद्धि का 2.4 प्रतिशत है। इसके साथ ही, दुनिया भर में इंटरनेट कनेक्शन की कीमतें बहुत अलग-अलग हैं, जहां कुछ देशों में बहुत कम कीमत पर अल्ट्रा-फास्ट कनेक्शन मिलते हैं, वहीं कुछ देश सामान्य ब्रॉडबैंड के लिए भी बहुत ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं।
We Are Social की Digital 2025 रिपोर्ट के अनुसार, 60 से ज्यादा देशों में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड की औसत कीमत (प्रति मेगाबिट पर सेकंड - Mbps) का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन से कीमतों में भारी अंतर का पता चलता है।
2025 में किस देश का इंटरनेट सबसे महंगा है?
इस लिस्ट में सबसे ऊपर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) है, जहां इंटरनेट दुनिया में सबसे महंगा है। यहां यूजर्स को 4.31 डॉलर प्रति Mbps चुकाने पड़ते हैं। यह घाना से 2 गुना ज्यादा है, जो 2.58 डॉलर प्रति Mbps के साथ दूसरे स्थान पर है।
ये कीमतें फिक्स्ड-लाइन इंटरनेट की प्रति Mbps की औसत मासिक दरें हैं। इसे आमतौर पर विकसित और विकासशील दोनों तरह के देशों में काफी किफायती माना जाता है।
सबसे महंगी इंटरनेट लागत वाले टॉप 10 देश (2025)
| रैंक | देश | प्रति Mbps औसत कीमत (डॉलर में) |
| 1 | संयुक्त अरब अमीरात | 4.31 |
| 2 | घाना | 2.58 |
| 3 | स्विट्जरलैंड | 2.07 |
| 4 | केन्या | 1.54 |
| 5 | मोरक्को | 1.16 |
| 6 | ऑस्ट्रेलिया | 1.05 |
| 7 | जर्मनी | 1.04 |
| 8 | नाइजीरिया | 0.72 |
| 9 | कनाडा | 0.66 |
| 10 | पाकिस्तान | 0.53 |
डेटा सोर्स: Digital 2025 – We Are Social
इंटरनेट सबसे सस्ता कहां है?
दूसरी ओर, सबसे कम इंटरनेट कीमतों की लिस्ट में पूर्वी यूरोप सबसे आगे है। जैसे कि:
-रोमानिया – 0.01 डॉलर प्रति Mbps
-रूस – 0.02 डॉलर प्रति Mbps
-पोलैंड – 0.03 डॉलर प्रति Mbps
ऐसे देश बेहतर बुनियादी ढांचे और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण बहुत सस्ती हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं देते हैं। वियतनाम, चीन और दक्षिण कोरिया कुछ अन्य देश हैं, जो 0.05 डॉलर प्रति Mbps जैसी कम कीमतों पर सस्ता इंटरनेट देते हैं। यह स्पीड और कम कीमत का एक अच्छा मेल है।
2025 में भारत में इंटरनेट की कीमतें क्या हैं?
90 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स के साथ भारत दुनिया भर में इंटरनेट की कीमतों के मामले में 41वें स्थान पर है। भारत दुनिया के सबसे सस्ते इंटरनेट बाजारों में से एक है, जहां ब्रॉडबैंड की औसत कीमत सिर्फ 0.08 डॉलर प्रति Mbps है।
इस कम कीमत और मोबाइल कनेक्शन की आसान उपलब्धता के कारण भारत चीन के बाद ऑनलाइन आबादी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है।
निष्कर्ष
साल 2025 में इंटरनेट तक पहुंच आर्थिक विकास, शिक्षा और संचार के लिए सबसे जरूरी साधनों में से एक है। हालांकि, अलग-अलग देशों में इंटरनेट कनेक्शन बहुत महंगे हैं। जहां कुछ देशों में इंटरनेट तेज और सस्ता है, वहीं दूसरे देश आज भी महंगी कीमतों और डिजिटल डिवाइड (डिजिटल असमानता) का सामना कर रहे हैं। इसके कारण बुनियादी ढांचे में और ज्यादा निवेश और नियमों में बदलाव की जरूरत पड़ रही है।
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