दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता कौन-सी है, जानें यहां

Nov 20, 2025, 16:21 IST

मेसोपोटामिया की सभ्यता, जिसे मानव संस्कृति का उद्गम स्थल माना जाता है, लगभग 3500 ईसा पूर्व में दजला और फरात नदियों के बीच विकसित हुई। इस सभ्यता ने लेखन, कृषि और शहरीकरण जैसे नए आविष्कार किए, जिसके कारण सुमेरियन और बेबीलोनियन जैसी प्रभावशाली संस्कृतियों का उदय हुआ।

दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता
दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता, जिसे "हड़प्पा सभ्यता" भी कहा जाता है, भारत में पाई जाने वाली सबसे पुरानी सभ्यता है। लेकिन, क्या आप किसी ऐसी सभ्यता की कल्पना कर सकते हैं, जो सिंधु घाटी सभ्यता से भी पहले मौजूद थी और जिसे 'दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता' के रूप में जाना जाता है?

अगर हम इस रहस्यमयी सभ्यता की तुलना सिंधु घाटी सभ्यता से करें, तो हड़प्पा सभ्यता का समय लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व तक का है। इसका परिपक्व काल 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक माना जाता है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता से भी पुरानी सभ्यता कौन-सी है? और दुनिया की समय-सारणी में सबसे पुरानी सभ्यता कौन-सी है? आइए, इसके बारे में जानते हैं।

दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता कौन-सी है?

मेसोपोटामिया की सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता है, जो लगभग 4000-3500 ईसा पूर्व के बीच दजला और फरात नाम की दो नदियों के बीच मौजूद थी। यह प्राचीन सभ्यता अपनी उन्नत कृषि तकनीकों, लेखन के विकास और बेहतरीन शहर योजना के लिए जानी जाती है।

तो, अब हम दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता के बारे में जान चुके हैं। आइए, इसके कुछ कम ज्ञात तथ्यों, जानकारियों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानते हैं।

मेसोपोटामिया सभ्यता: दुनिया के पहले शहरों का घर

दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता के रूप में सुमेरियन सभ्यता को व्यापक रूप से मान्यता मिली है। यह सभ्यता मेसोपोटामिया में विशेष रूप से दजला और फरात नदियों के बीच के क्षेत्र में लगभग 3500 ईसा पूर्व में उभरी।

यह क्षेत्र आज के इराक देश में आता है और मानव विकास में इसके महत्त्वपूर्ण योगदान के कारण इसे अक्सर "सभ्यता का उद्गम स्थल" कहा जाता है।

सुमेरियन सभ्यता की मुख्य विशेषताएं

-शहरी विकास: सुमेरियन लोगों ने उरुक और उर जैसे कुछ पहले शहरों की स्थापना की। इन शहरों की विशेषता उनकी उन्नत शहरी योजना और वास्तुकला थी। इन शहरों में मंदिर और जिग्गुरात जैसी विशाल संरचनाएं थीं, जो धार्मिक केंद्रों के रूप में काम करती थीं।

-लेखन प्रणाली: उन्होंने कीलाक्षर (cuneiform) लिपि का विकास किया, जो सबसे पुरानी ज्ञात लेखन प्रणालियों में से एक है। इस लिपि के जरिए प्रशासनिक, कानूनी और साहित्यिक लेखों को रिकॉर्ड किया जा सकता था। यह आविष्कार उनके जटिल समाज के प्रशासन के लिए बहुत जरूरी था और इसने व्यापार और संचार को भी आसान बनाया।

-तकनीकी प्रगति: सुमेरियन लोगों को कई आविष्कारों का श्रेय दिया जाता है, जिन्होंने भविष्य की सभ्यताओं के लिए नींव रखी। इनमें पहिया, हल और गणित तथा खगोल विज्ञान में हुई प्रगति शामिल है। उनके इन नए अविष्कारों ने कृषि और व्यापार के तरीकों को बहुत प्रभावित किया।

-सामाजिक संरचना: सुमेरियन समाज कई स्तरों में बंटा हुआ था, जिसमें सबसे ऊपर पुजारी और राजाओं का शासक वर्ग था, जिसके बाद कारीगर, किसान और मजदूर आते थे। यह सामाजिक व्यवस्था कानूनों की एक प्रणाली पर आधारित थी, जिसका एक उदाहरण बाद में बेबीलोन की हम्मुराबी संहिता में देखने को मिलता है।

-सांस्कृतिक योगदान: उन्होंने साहित्य (विशेष रूप से गिल्गामेश का महाकाव्य), धर्म (जिसमें कई देवी-देवताओं की पूजा होती थी) और कला (जिसमें मिट्टी के बेहतरीन बर्तन और मूर्तियां शामिल थीं) जैसे कई क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण प्रगति की, जिसका बाद की संस्कृतियों पर गहरा प्रभाव पड़ा।

सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख उपलब्धियां क्या थीं?

सुमेरियन सभ्यता, जो सबसे पुरानी ज्ञात सभ्यताओं में से एक है, ने ऐसी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिन्होंने भविष्य के समाजों की नींव रखी। यहां उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां दी गई हैं:

सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख उपलब्धियां

-सुमेरियन लोगों ने लगभग 3200 ईसा पूर्व में कीलाक्षर (cuneiform) लिपि का विकास किया, जो शुरुआती लेखन प्रणालियों में से एक थी। इसमें मिट्टी की पट्टियों पर कील के आकार के प्रतीकों को उकेरा जाता था, जिससे रिकॉर्ड रखने, साहित्य लिखने और संचार करने में मदद मिलती थी।

-उन्होंने उरुक और उर जैसे कुछ पहले शहरी केंद्रों की स्थापना की, जो बाद में जटिल नगर-राज्य बन गए, जहां मंदिर (जिग्गुरात), दीवारें और बाजार जैसी उन्नत सुविधाएं थीं।

-सुमेरियन लोगों ने 60 के आधार वाली एक संख्या प्रणाली बनाई, जिसके कारण समय को 60 मिनट प्रति घंटे और एक वृत्त को 360 डिग्री में बांटा गया। उन्होंने खगोल विज्ञान में भी महत्त्वपूर्ण प्रगति की और चंद्रमा के चक्रों पर आधारित कैलेंडर विकसित किए।

-उन्होंने सिंचाई की ऐसी तकनीकें शुरू कीं, जिनसे मेसोपोटामिया के सूखे इलाके में खेती का तरीका ही बदल गया। इससे फसलों का उत्पादन जरूरत से ज्यादा होने लगा, जिससे जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण को बढ़ावा मिला।

-सुमेरियन लोगों ने पहिए का आविष्कार किया, जिसने परिवहन और व्यापार में क्रांति ला दी। उन्होंने खेती और निर्माण के लिए आरी और हल जैसे औजार भी बनाए।

-सुमेरियन लोगों ने कुछ शुरुआती ज्ञात साहित्यिक रचनाएं भी कीं, जिनमें 'गिल्गामेश का महाकाव्य' शामिल है, जिसे मानव इतिहास की पहली महान साहित्यिक कृतियों में से एक माना जाता है।

-उन्होंने अपने शहरों पर प्रभावी ढंग से शासन करने के लिए पहली ज्ञात कानून संहिताओं और प्रशासनिक प्रणालियों में से एक की स्थापना की। इसमें संपत्ति कानून और कर वसूली शामिल थी।

-सुमेरियन कला में मिट्टी के बेहतरीन बर्तन, मूर्तियां और आभूषण शामिल थे। वास्तुकला के क्षेत्र में वे जिग्गुरात बनाने के लिए जाने जाते हैं—ये विशाल सीढ़ीदार संरचनाएं थीं, जो धार्मिक उद्देश्यों के लिए बनाई जाती थीं।

-सुमेरियन लोग पड़ोसी क्षेत्रों के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करते थे, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिला।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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