भारत के रेलवे नक्शे में दिल्ली हमेशा से एक केंद्र रहा है। यह उत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एक अहम कड़ी है। इसके कई स्टेशनों में से, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन को दिल्ली का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन माना जाता है।
इसे मूल रूप से दिल्ली जंक्शन के नाम से जाना जाता था और इसकी स्थापना 1864 में हुई थी। यह एक चालू और ऐतिहासिक स्थल है, जिसने औपनिवेशिक काल से लेकर आधुनिक भारत तक रेल परिवहन में हुए बदलावों को देखा है।
दिल्ली का पहला रेलवे स्टेशन
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की शुरुआत ईस्ट इंडियन रेलवे के हिस्से के रूप में हुई थी और इसे ऐतिहासिक लाल किले के पास बनाया गया था। शुरुआत में इसका इस्तेमाल दिल्ली को कलकत्ता (अब कोलकाता) और दूसरे बड़े व्यापारिक केंद्रों से जोड़ने के लिए किया जाता था। यह स्टेशन अंग्रेजों के लिए सैनिकों और सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए बहुत जरूरी था।
दशकों के दौरान, इसमें नए प्लेटफॉर्म बनाए गए और सुविधाओं को बेहतर किया गया, लेकिन इसके बावजूद, इसके कई पुराने हिस्सों को वैसा ही बनाए रखा गया। यह स्टेशन अपनी खास लोकेशन के कारण उत्तर भारत का प्रवेश द्वार बन गया।
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का वास्तुशिल्प महत्व
इस स्टेशन को ब्रिटिश काल के एक किले की शैली में बनाया गया था, जिसमें मुगल और औपनिवेशिक वास्तुकला, दोनों का मिश्रण देखने को मिलता है। इसकी लाल पत्थर की बाहरी दीवारें और मेहराबदार प्रवेश द्वार पास में ही मौजूद लाल किले जैसी मुगल इमारतों से काफी मिलते-जुलते हैं। स्टेशन के दो टावरों को मीनारों जैसा दिखने के लिए डिजाइन किया गया था।
हालांकि, इसमें कई सुधार किए गए हैं, फिर भी इसके ज्यादातर ऐतिहासिक डिजाइन को सुरक्षित रखा गया है। यह भारत के सबसे अलग बनावट वाले रेलवे स्टेशनों में से एक है।
दिल्ली के अन्य सबसे पुराने रेलवे स्टेशन जिनके बारे में आपको जानना चाहिए
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलावा, राजधानी में कुछ और भी ऐतिहासिक स्टेशन हैं। इनमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन शामिल है, जिसे 1926 में बढ़ते यात्री यातायात को संभालने के लिए खोला गया था।
दूसरा दिल्ली कैंटोनमेंट स्टेशन है, जिसने ब्रिटिश सैन्य प्रशासन के दौरान एक अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, इन सब में दिल्ली जंक्शन ही सबसे पुराना और ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बारे में कुछ हैरान करने वाले तथ्य
-इसे मूल रूप से माल ढुलाई के लिए बनाया गया था। यात्री सेवाएं नियमित होने से पहले, यह स्टेशन मालगाड़ियों के लिए इस्तेमाल होता था।
-नई दिल्ली स्टेशन बनने से पहले यह दिल्ली का मुख्य टर्मिनल था। 1926 तक, दिल्ली आने वाली सभी लंबी दूरी की ट्रेनें यहीं आती थीं।
-यहां आज भी औपनिवेशिक काल के ट्रैक मौजूद हैं। कुछ पुरानी छोटी लाइनें (नैरो-गेज) और बनावट के कुछ हिस्से अभी भी सुरक्षित हैं।
-यह स्टेशन रोजाना 250 से ज्यादा ट्रेनों को संभालता है। इतना पुराना होने के बावजूद, यह आज भी दिल्ली के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है।
-यह कई प्रमुख ऐतिहासिक जगहों के पास स्थित है। चांदनी चौक और लाल किले के करीब होने के कारण, यह पर्यटकों के लिए यहां पहुंचने का एक लोकप्रिय केंद्र है।
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