भारत का सबसे लंबा बांध कौन-सा है, यहां पढ़ें

Dec 17, 2025, 16:54 IST

भारत के अलग-अलग राज्यों में नदियों पर बड़े-बड़े बांध बने हुए हैं। बांध न सिर्फ पानी को नियंत्रित का काम करते हैं, बल्कि जल विद्युत उत्पदान, मत्स्य पालन, कृषि और सिंचाई में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इस कड़ी में क्या आप भारत के सबसे लंबे बांध के बारे में जानते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

भारत का सबसे लंबा बांध
भारत का सबसे लंबा बांध

भारत के अलग-अलग राज्यों में बड़ी नदियों के ऊपर बड़े-बड़े बांध बने हुए हैं। बांध न सिर्फ नदियों के पानी को नियंंत्रित करते हैं, बल्कि ये मत्स्य पालन, कृषि, जल विद्युत उत्पादन और पर्यटन के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपने भारत के अलग-अलग बांधों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप भारत के सबसे लंबे बांध के बारे में जानते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

भारत में कुल कितने बांध हैं

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर गौर करें, तो भारत में 5700 से अधिक बांध हैं। इनमें 5334 बांध पूरी तरह से बनकर तैयार हैं या इन पर काम चल रहा है। वहीं, 400 से अधिक बांधों का निर्माण चल रहा है।

किस राज्य में हैं सबसे अधिक बांध

भारत में सबसे अधिक बांध महाराष्ट्र में हैं। यहां बांधों की संख्या 2300 से अधिक है। यह कुल बड़े बांधों का करीब 40 फीसदी है। वहीं, दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है। यहां 900 से अधिक बांध हैं। तीसरे पायदान पर भारत का गुजरात राज्य है, यहां 600 से अधिक बांध हैं।

भारत का सबसे लंबा बांध कौन-सा है

अब हम यह जान लेते हैं कि भारत में सबसे लंबा बांध कौन-सा है। आपको बता दें कि भारत का सबसे लंबा बांध हीराकुंड बांध है। यह बांध महानदी पर बना हुआ है, जिसे कभी ओड़िसा का शोक कहा जाता था। 

कितना लंबा है हीराकुंड बांध

अब हम यह जान लेते हैं कि हीराकुंड बांध कितना लंबा है। आपको बता दें कि हीराकुंड बांध के मुख्य भाग की लंबाई 4.8 किलोमीटर है। हालांकि, यदि इसके तटबंधों को मिल दिया जाए, तो यह 25.8 किलोमीटर है। इस बांध की ऊंचाई 200 फीट है। 

क्या है बांध का इतिहास

बांध के निर्माण की नींव 1948 में रखी गई थी। वहीं, यह 1953 में बनकर तैयार हुआ और 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा बांध का उद्घाटन किया गया।

क्या है बांध का उपयोग

हीराकुंड बांध महानदी के कारण आने वाली बाढ़ को रोकने का काम करता है। वहीं, यह सिंचाई के लिए भी उतना ही उपयोगी है। इससे संबलुपर, बोलनगीर और कटक जैसे इलाकों में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जाता है। वहीं, बांध से विद्युत उत्पादन भी होता है। इसकी कुल उत्पादन क्षमता 347 मेगावाट है।

बांध के पीछे बनी है कृत्रिम झील

इस बांध के पीछे एक कृत्रिम झील बनी हुई है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है। इसकी तटरेखा 639 किलोमीटर है। बांध के पास दो प्रसिद्ध मीनारें भी हैं, जिन्हें गांधी मीनार और नेहरू मीनार कहा जाता है। इनसे पूरे बांध का नजारा देखा जा सकता है। यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित देवरीगढ़ वन्यजीव भी मौजूद है, जो कि अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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