भारत एक ऐसा देश है, जहां की संस्कृति और परंपराएं बहुत समृद्ध हैं और इनमें कई तरह की विविधता है। यहां की मिठाइयां इसी विविधता की एक स्वादिष्ट झलक देती हैं। भारत के हर राज्य की अपनी एक खास और मशहूर मिठाई है। ये मिठाइयां अक्सर स्थानीय चीजों और पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक विधियों से बनाई जाती हैं। चलिए, पूरे भारत की यात्रा करते हैं और हर राज्य की सबसे मशहूर मिठाइयों और उनके पीछे के इतिहास के बारे में जानते हैं।
पश्चिम बंगाल का रसगुल्ला
नरम, स्पंजी और चाशनी में डूबा हुआ रसगुल्ला बंगाल की एक खास मिठाई है। इसे पूरे भारत में पसंद किया जाता है। माना जाता है कि इसका आविष्कार 19वीं सदी में कोलकाता में नोबिन चंद्र दास ने किया था। यह छेना (ताजा पनीर) से बनता है। बंगाल और ओडिशा में त्योहारों और खास मौकों पर रसगुल्ले का एक विशेष महत्त्व होता है।
महाराष्ट्र की पूरन पोली
पूरन पोली महाराष्ट्र की एक पारंपरिक मीठी रोटी है। इसमें गुड़ और चने की दाल की भरावन होती है। यह मिठाई बहुत पुरानी है और इसका जिक्र पुराने संस्कृत ग्रंथों में भी मिलता है। यह होली और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों पर खास तौर पर लोकप्रिय है। इसे समृद्धि और खुशी का प्रतीक माना जाता है।
पंजाब की जलेबी
जलेबी कुरकुरी और चाशनी में डूबी हुई होती है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत मध्य पूर्व में हुई थी और मध्यकाल में यह भारत आई। यह पंजाब में बहुत लोकप्रिय हुई। यहां त्योहारों के मौकों पर इसे अक्सर गर्म-गर्म रबड़ी या दूध के साथ खाया जाता है।
तमिलनाडु का मैसूर पाक
यह मुंह में घुल जाने वाली मिठाई बेसन, घी और चीनी से बनती है। इसे पहली बार 19वीं सदी में मैसूर महल की शाही रसोई में बनाया गया था। कहा जाता है कि जब एक शाही रसोइए ने इसे राजा कृष्ण राजा वाडियार चतुर्थ को परोसा, तो इसका नाम मैसूर शहर के नाम पर रख दिया गया।
गुजरात का मोहनथाल
मोहनथाल गुजरात की एक पारंपरिक मिठाई है। इसे बेसन, घी और चीनी से बनाया जाता है। इसमें इलायची का स्वाद होता है और इसे मेवों से सजाया जाता है। यह सदियों से गुजराती त्योहारों और शादियों का हिस्सा रहा है। माना जाता है कि इसका नाम भगवान कृष्ण ("मोहन" का अर्थ है मनमोहक) के नाम पर रखा गया है।
उत्तर प्रदेश की बालूशाही
बालूशाही एक परतदार मिठाई है, जिसे घी में तलकर चाशनी में डुबोया जाता है। इसका इतिहास मुगल काल से जुड़ा है। यह देखने में ग्लेज्ड डोनट जैसी लगती है। यह उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत में अपने कुरकुरे बाहरी हिस्से और नरम अंदरूनी हिस्से के लिए मशहूर है।
राजस्थान का घेवर
घेवर एक डिस्क के आकार की मिठाई है, जो चाशनी में डूबी होती है। इसे पारंपरिक रूप से तीज और रक्षाबंधन के त्योहारों पर बनाया जाता है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत सदियों पहले राजस्थान की शाही रसोइयों में हुई थी। इसे अक्सर केसर और सूखे मेवों से सजाया जाता है।
केरल का अडा प्रथमन
अडा प्रथमन एक गाढ़ी और मलाईदार मिठाई है। इसे चावल के फ्लेक्स, गुड़ और नारियल के दूध से बनाया जाता है। यह केरल की एक पारंपरिक मिठाई है, जिसे केरल के फसल उत्सव ओणम के दौरान परोसा जाता है। यह पीढ़ियों से इस क्षेत्र के खान-पान का हिस्सा रही है।
ओडिशा का छेना पोडा
छेना पोडा का मतलब है "पका हुआ पनीर"। यह ओडिशा की एक अनोखी मिठाई है। ताजे छेने को चीनी और मेवों के साथ तब तक बेक करके बनाया जाता है, जब तक कि वह कैरेमलाइज न हो जाए। कहा जाता है कि इसे 1960 के दशक में एक पुजारी ने बनाया था। यह जल्द ही एक पसंदीदा मिठाई बन गई और ओडिशा की समृद्ध डेयरी परंपराओं का प्रतीक बन गई।
हिमाचल प्रदेश का मिट्ठा
मिट्ठा हिमाचल की एक पारंपरिक मिठाई है। इसे चावल, गुड़ और घी से बनाया जाता है और इसमें अक्सर इलायची का स्वाद होता है। इसे आम तौर पर स्थानीय त्योहारों और शादियों के दौरान तैयार किया जाता है। यह हिमालयी क्षेत्र की सादी, लेकिन स्वादिष्ट खान-पान की विरासत को दर्शाता है।
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