दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (ASEAN) एक प्रमुख क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देता है। 1967 में अपनी स्थापना के बाद से ASEAN पूरे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है।
आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के अलावा, ASEAN सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रमों और सामूहिक सुरक्षा के लिए भी काम करता है। यह सदस्य देशों को एक आम रणनीति के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद करता है।
ASEAN देश क्या हैं?
ASEAN की स्थापना 8 अगस्त 1967 को पांच देशों ने मिलकर की थी—इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड। समय के साथ इसके सदस्यों की संख्या बढ़ती गई और 2025 में यह 11 तक पहुंच गई। तिमोर-लेस्ते (पूर्वी तिमोर) इसका सबसे हालिया सदस्य है। इस संगठन के मुख्य सिद्धांत सहयोग, आम सहमति, एक-दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करना और सभी राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करना है।
"ASEAN देश" का मतलब संगठन के उन आधिकारिक सदस्यों से है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में आते हैं। कुल मिलाकर, ASEAN के सदस्य देश एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैले हुए हैं। इनकी कुल आबादी 67 करोड़ से ज्यादा है और यह एशिया और वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक गतिशील और तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र है।
ASEAN सदस्य देशों की सूची (2025)
नीचे दी गई तालिका में सभी 11 ASEAN देशों, उनकी राजधानियों और ASEAN में शामिल होने की तारीख की सूची दी गई है:
| देश | राजधानी | ASEAN में शामिल होने का वर्ष |
| इंडोनेशिया | जकार्ता | 1967 |
| मलेशिया | कुआलालंपुर | 1967 |
| फिलीपींस | मनीला | 1967 |
| सिंगापुर | सिंगापुर | 1967 |
| थाईलैंड | बैंकॉक | 1967 |
| ब्रुनेई | बंदर सेरी बेगवान | 1984 |
| वियतनाम | हनोई | 1995 |
| लाओस | वियनतियाने | 1997 |
| म्यांमार | नेपिडॉ | 1997 |
| कंबोडिया | नोम पेन्ह | 1999 |
| तिमोर-लेस्ते | दिली | 2025 |
ASEAN के बारे में मुख्य तथ्य
-ASEAN का मुख्यालय इंडोनेशिया के जकार्ता में है।
-इस समूह का साझा उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिरता, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक सहनशीलता को बढ़ावा देना है।
-हाल के वर्षों में ASEAN ने संवाद भागीदारों और बड़े समूहों, जैसे कि ASEAN प्लस थ्री और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ाई है। इसके अलावा, यह दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार समझौतों में भी शामिल हुआ है।
-हर साल ASEAN की अध्यक्षता सदस्य देशों को बारी-बारी से मिलती है। 2025 में इसकी अध्यक्षता मलेशिया के पास है।
-ASEAN क्षेत्रीय सहयोग का एक मुख्य स्तंभ बना हुआ है। यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए एक ऐसा मंच है, जो उन्हें वैश्विक परिदृश्य को आकार देने और क्षेत्रीय विकास में योगदान करने में मदद करता है।
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