क्या आपके मन में कोई इवेंट आयोजित करने का विचार है, लेकिन आप इस बात को लेकर उलझन में हैं कि समिट आयोजित करें या कॉन्फ्रेंस? अगर ऐसा है, तो आप अकेले नहीं हैं। इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल अक्सर एक दूसरे की जगह पर किया जाता है, लेकिन ये दो अलग-अलग चीजों के लिए हैं। इनके बीच का अंतर आपको सही फॉर्मेट चुनने में मदद करेगा, जो आपके लक्ष्यों, दर्शकों और अपेक्षित परिणामों के हिसाब से सही हो।
आज के इस लेख में हम समिट और कॉन्फ्रेंस के बीच के अंतर को विस्तार से समझेंगे।
Summit क्या है?
समिट एक उच्च-स्तरीय मीटिंग होती है, जिसमें विशेषज्ञ, नेता और प्रभावशाली लोग किसी खास मुद्दे या विषय पर चर्चा के लिए इकट्ठा होते हैं। कॉन्फ्रेंस में जहां ज्यादा दर्शक होते हैं, वहीं समिट में लोगों को वक्ताओं, नीति-निर्माताओं या उद्योग के प्रमुखों को सुनना होता है। ज्यादातर ये कार्यक्रम केवल बुलावे पर होते हैं, इसलिए वे ज्यादा खास और प्रतिष्ठित माने जाते हैं।
समिट की मुख्य विशेषताएं
-समिट में प्रभावशाली लोगों के बीच उच्च-स्तरीय चर्चा को बढ़ावा दिया जाता है। इसमें भाग लेने वाले लोग हर सेशन में किसी खास समस्या से जुड़ी जानकारी को गहराई से समझते हैं। अनुभवी और जानकार गेस्ट स्पीकर्स के होने से चर्चाएं ज्यादा दिलचस्प होती हैं और उनसे महत्त्वपूर्ण परिणाम निकलते हैं।
-समिट आमतौर पर व्यवस्थित, पारंपरिक और औपचारिक होते हैं। इनका आयोजन CEOs, सर्जनों, सरकारी अधिकारियों, नीति-निर्माताओं और विचारकों जैसे खास लोगों के लिए किया जाता है।
-कॉन्फ्रेंस जहां शिक्षा पर आधारित होती हैं, वहीं समिट समस्या के समाधान पर केंद्रित होते हैं। उदाहरण के लिए, 1996 में रोम में हुए संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के समिट में दुनिया में भूख की समस्या पर बात हुई थी। समिट के आखिर में आमतौर पर काम करने की व्यावहारिक योजनाएं और स्पष्ट समाधान मिलते हैं।
समिट में क्यों शामिल हों?
समिट में शामिल होने से उच्च-स्तरीय नेताओं के साथ नेटवर्किंग करने, गहरी समझ बनाने और प्रमुख ट्रेंड्स और नई खोजों के बारे में जानकारी रखने के सीमित अवसर मिलते हैं। ये इवेंट किसी भी उद्योग में आपकी विश्वसनीयता और प्रभाव को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
Conference क्या है?
कॉन्फ्रेंस एक औपचारिक सभा होती है। इसमें एक ही उद्योग के बड़े और कई तरह के दर्शक विचारों का आदान-प्रदान करने, वक्ताओं से सीखने और वर्कशॉप में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं। कॉन्फ्रेंस अक्सर कई दिनों तक चलती हैं और इसमें भाग लेने वालों को रजिस्ट्रेशन कराने या टिकट खरीदने की जरूरत पड़ सकती है।
कॉन्फ्रेंस की मुख्य विशेषताएं
-कॉन्फ्रेंस में सीखने, खुली चर्चा और नेटवर्किंग पर जोर दिया जाता है। इसमें शामिल होने वालों को समाधान के बजाय नए विचार मिलते हैं।
-समिट के विपरीत, कॉन्फ्रेंस में एक ही क्षेत्र के बहुत सारे पेशेवर शामिल होते हैं। वक्ता अपने व्यक्तिगत अनुभव, उद्योग के ट्रेंड्स और रिसर्च जैसी बातें साझा करते हैं। ज्यादातर मामलों में वे प्रतिभागियों को बातचीत करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।
-कॉन्फ्रेंस में बहुत बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं, इसलिए यह उन ब्रांड्स के लिए सबसे अच्छा मंच है, जिन्हें पहचान बनानी है। कॉन्फ्रेंस से होने वाली आय आमतौर पर स्पॉन्सरशिप से बढ़ती है। कॉन्फ्रेंस बिजनेस के लिए अपने उत्पाद पेश करने और संभावित ग्राहकों और निवेशकों से मिलने का भी एक जरिया है।
कॉन्फ्रेंस में क्यों शामिल हों?
लोग ज्ञान बढ़ाने, नए अवसरों की तलाश करने और नेटवर्किंग के लिए कॉन्फ्रेंस में शामिल होते हैं। 76 प्रतिशत प्रतिभागी नेटवर्किंग के मुख्य उद्देश्य से इवेंट्स में शामिल होते हैं। कॉन्फ्रेंस में उद्योग के ट्रेंड्स पर जोर दिया जाता है और अलग-अलग अनुभव वाले लोगों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है।
निष्कर्ष
समिट आयोजित करें या कॉन्फ्रेंस, यह निर्णय पूरी तरह से आपके इवेंट के उद्देश्य पर निर्भर करता है। अगर आपका लक्ष्य सबसे अच्छे नेताओं को एक साथ लाना है, ताकि वे किसी खास समस्या पर विचार-विमर्श करें और व्यावहारिक समाधान निकालें, तो समिट सबसे अच्छा विकल्प है।
लेकिन, अगर आप लोगों के एक बड़े समूह तक पहुंचना चाहते हैं, विचारों का आदान-प्रदान करना चाहते हैं, अपने ब्रांड को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं, और संपर्क बनाना चाहते हैं, तो कॉन्फ्रेंस एक बेहतर विकल्प है।
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