“वंदे मातरम्” भारत का वह पवित्र गीत है, जिसने आज़ादी की लड़ाई में लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना भर दी। यह गीत सबसे पहले 7 नवंबर 1875 को महान लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया था। बाद में इसे उनकी प्रसिद्ध रचना आनंदमठ में शामिल किया गया और यह पूरे देश में गूंजने लगा। इसी ऐतिहासिक गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार ने ‘वंदे मातरम् 2025’ पहल की शुरुआत की है, जो 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक पूरे देश में मनाई जाएगी। इसकी शुरुआत नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होगी, जहाँ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
इस आर्टिकल में छात्र “वंदे मातरम्” का इतिहास, इसका महत्व और देश के लिए इसके योगदान के बारे में सरल भाषा में जानेंगे। यह लेख विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना जागाने और उन्हें अपने देश पर गर्व करना सिखाने के लिए बहुत उपयोगी है।
वंदे मातरम् पर संक्षिप्त भाषण (Short Speech on Vande Mataram in Hindi)
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय/महोदया,
सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियो,
आप सभी को मेरा नमस्कार।
आज मैं आप सभी के सामने “वंदे मातरम्” पर अपने कुछ शब्द कहना चाहता/चाहती हूँ।
वंदे मातरम् हमारा बहुत सुंदर और प्यारा देशभक्ति गीत है। यह हमें अपने देश भारत से प्यार करना सिखाता है। “वंदे” का मतलब है – नमस्कार करना और “मातरम्” का मतलब है – माँ। यानी हम अपनी धरती माँ को प्रणाम करते हैं।
यह गीत हमें बताता है कि हमारा देश बहुत अच्छा और ताकतवर है। आज़ादी की लड़ाई में इस गीत ने लोगों को हिम्मत दी। जब लोग “वंदे मातरम्” कहते थे, तो वे डरते नहीं थे और देश के लिए आगे बढ़ते थे।
हमें अपने देश से हमेशा प्यार करना चाहिए, उसका सम्मान करना चाहिए और अच्छे बच्चे बनना चाहिए। जब हम सच्चे दिल से “वंदे मातरम्” कहते हैं, तो हमें बहुत गर्व महसूस होता है।
अंत में, आइए हम सब मिलकर ज़ोर से कहें –
वंदे मातरम्!
धन्यवाद।
Speech on Vande Mataram in Hindi (300 Words)
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय/महोदया,
सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियो,
आप सभी को मेरा नमस्कार।
आज मैं आप सभी के सामने “वंदे मातरम्” पर अपने विचार प्रस्तुत करने जा रहा/रही हूँ।
वंदे मातरम् हमारा बहुत ही पवित्र और महान देशभक्ति गीत है। “वंदे” का अर्थ होता है – प्रणाम, और “मातरम्” का अर्थ है – माता। यानी हम अपनी मातृभूमि को नमन करते हैं। यह गीत हम सभी के दिलों में देश के प्रति प्रेम, सम्मान और गर्व की भावना भर देता है।
यह महान गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी ने लिखा था। यह गीत आज़ादी की लड़ाई के समय लोगों के लिए एक शक्ति बन गया था। जब लोग “वंदे मातरम्” कहते थे, तो उनमें नया जोश भर जाता था और वे बिना डरे देश के लिए आगे बढ़ते थे।
“वंदे मातरम्” हमें सिखाता है कि हमारा देश हमारी माँ के समान है। जैसे हम अपनी माँ का सम्मान करते हैं, उनकी बात मानते हैं, वैसे ही हमें अपने देश का भी सम्मान करना चाहिए। हमें देश को गंदगी से बचाना चाहिए, पेड़ लगाने चाहिए, बड़ों का आदर करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए।
मेरे प्यारे दोस्तों, हम सभी बच्चे इस देश का भविष्य हैं। अगर आज हम मन लगाकर पढ़ाई करेंगे, अच्छे काम करेंगे और एक-दूसरे से प्यार से रहेंगे, तो हमारा भारत जरूर आगे बढ़ेगा। “वंदे मातरम्” हमें एकता, भाईचारे और देशप्रेम का सच्चा संदेश देता है।
जब हम स्कूल की प्रार्थना में “वंदे मातरम्” गाते हैं, तो हमारा सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है। हमें लगता है कि हम एक महान देश के नागरिक हैं। यह गीत हमें सिखाता है कि हम सभी मिलकर अपने देश को और भी सुंदर और मजबूत बना सकते हैं।
अंत में मैं यही कहना चाहूँगा/चाहूँगी कि
आइए हम सब मिलकर सच्चे दिल से अपने देश से प्यार करें,
अच्छे नागरिक बनें और गर्व से कहें –
वंदे मातरम्!
धन्यवाद।
वंदे मातरम् 150 वर्ष प्रमाण पत्र (Vande Mataram 150 Years Certificate)
वंदे मातरम् 150 वर्ष प्रमाण पत्र भारत सरकार की एक विशेष पहल के तहत दिया जाने वाला सम्मान पत्र है। यह प्रमाण पत्र उन लोगों को दिया जाता है जो “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रमों, गतिविधियों या प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। इसका उद्देश्य लोगों, खासकर छात्रों, में देशभक्ति की भावना को बढ़ाना है।
“वंदे मातरम्” गीत को महान लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी ने लिखा था। यह गीत आज़ादी की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा बना। इसी ऐतिहासिक गीत के 150 साल पूरे होने पर भारत सरकार ने पूरे देश में विशेष कार्यक्रम शुरू किए, जिनमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को यह सुंदर प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।
यह प्रमाण पत्र खास तौर पर छात्रों, शिक्षकों, स्कूलों और संस्थानों के लिए बहुत उपयोगी है। इससे बच्चों में देश के प्रति प्रेम और गर्व की भावना बढ़ती है। स्कूलों में “वंदे मातरम्” गायन, भाषण, चित्रकला, निबंध और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले छात्रों को यह सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।
यह प्रमाण पत्र सिर्फ एक कागज़ नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति, सम्मान और गर्व का प्रतीक है। इसे पाकर बच्चों को लगता है कि उन्होंने देश के लिए कुछ अच्छा किया है।
संक्षेप में कहा जाए तो “वंदे मातरम् 150 वर्ष प्रमाण पत्र” हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, खासकर छात्रों के लिए यह एक यादगार सम्मान है।
प्रमाणपत्र डाउनलोड करें (Download Certificate) |
वंदे मातरम् हमें अपने देश से सच्चा प्रेम करना सिखाता है। इस आर्टिकल से छात्रों को इसके इतिहास, महत्व और 150 वर्ष के कार्यक्रम की पूरी जानकारी मिली। आइए हम सब मिलकर गर्व से कहें – वंदे मातरम् और अच्छे नागरिक बनें।
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