1903 में मुंबई में ताज महल पैलेस होटल शुरू हुआ, जो भारत का पहला 5 स्टार होटल था। इसे भारतीय लग्जरी हॉस्पिटैलिटी का रास्ता दिखाने वाले जमशेदजी टाटा ने शुरू किया था। उन्होंने ऐसे अंतरराष्ट्रीय मानक बनाए जो आज भी कायम हैं।
भारतीय लग्जरी हॉस्पिटैलिटी का जन्म
16 दिसंबर, 1903 को ताज महल पैलेस होटल के आने से भारतीय हॉस्पिटैलिटी पूरी तरह बदल गई थी। इस होटल को उद्योगपति जमशेदजी टाटा ने सिर्फ एक बिजनेस के तौर पर नहीं बनाया था, बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव और संस्कृति को आगे बढ़ाने का एक प्रतीक भी था।
इसमें कई नई चीजें थीं, जैसे भारत का पहला लाइसेंस वाला बार, पहला 24 घंटे चलने वाला रेस्टोरेंट, पहली एयर कंडीशनिंग, पहली लिफ्ट और हर कमरे में पहला टेलीफोन। ये सभी सुविधाएं उस समय बहुत लग्जरी मानी जाती थीं।
शानदार बनावट और कई संस्कृतियों का मेल
इंडो-सारासेनिक शैली में बना ताज महल पैलेस मूरिश, ओरिएंटल और फ्लोरेंटाइन शैलियों के साथ-साथ उस समय की भारतीय प्रेरणा का एक बेहतरीन मिश्रण था। इसकी आलीशान बाहरी बनावट और भव्य अंदरूनी हिस्से को बॉम्बे (आज का मुंबई) की शान के मुताबिक बनाया गया था, जहां राजघराने के लोग, देशों के प्रमुख और विदेशी यात्री आते थे।
होटल की लोकेशन बहुत शानदार थी। यह कोलाबा में गेटवे ऑफ इंडिया के ठीक सामने है, जिसने होटल को स्टाइल और शान का प्रतीक बना दिया।
सांस्कृतिक महत्व और स्थायी पहचान
ताज महल पैलेस होटल सिर्फ जमशेदजी टाटा का एक सपना नहीं था, बल्कि यह शहर के लिए एक तोहफा था। यह इस बात का ऐलान था कि भारत होटलों के मामले में दुनिया में किसी से कम नहीं है। सालों से, इस होटल ने अपने दरवाजे के बाहर कई ऐतिहासिक घटनाओं को होते देखा है। यहां स्वतंत्रता सेनानी, मशहूर हस्तियां और राजनीतिक नेता ठहर चुके हैं, जिस वजह से यह होटल भारतीय मेहमान-नवाजी का प्रतीक माना जाता है।
इसने अपनी शानदार यात्रा में सेवा, वास्तुकला और खान-पान की कला में नए मानक स्थापित किए। इसने भारत के कई पीढ़ियों के लग्जरी होटलों को आकार दिया है।
विस्तार और प्रभाव
ताज महल पैलेस होटल आज भी ताज होटल्स, रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेज का प्रमुख होटल है। इसका कई बार नवीनीकरण और विस्तार किया गया है, जिसमें 1972 में बने इसके टावर विंग का निर्माण भी शामिल है। इसकी विरासत देश भर के लग्जरी होटलों में देखी जा सकती है। इनमें से कई आज भी पहले ताज द्वारा बनाए गए मानकों का पालन करते हैं।
ताज महल पैलेस होटल के खुलने से भारतीय हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी उम्मीदें बदल गईं और यह देश का पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फाइव-स्टार होटल बना। अपने नजरिए, सेवा और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह एक सदी से भी ज्यादा समय से एक प्रतीक के रूप में सफल रहा है। इसने भारत में लग्जरी होटलों के विकास को प्रभावित किया है और इंडस्ट्री में एक मार्गदर्शक के रूप में अपनी जगह पक्की की है।
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