भारत की तीनों सेना यानि कि थल सेना, वायु सेना और नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल है। भारतीय सैनिक दिन-रात सरहद पर मुस्तैदी से तैनात रहते हैं, जिससे देश में हर व्यक्ति सुरक्षित है। भारत की इन तीनो सेनाओं में सैल्यूट करने का अपना अर्थ होता है, जो कि सेनाओं की भावना को दर्शाता है।
वहीं, तीनों सेनाओं में सैल्यूट करना एक ऐतिहासिक परंपरा और वर्दी के नियमों में अंतर में भी स्पष्टता प्रदर्शित करता है। ऐसे में इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर तीनों सेनाओं में सैल्यूट करने का तरीका क्यों अलग है, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
भारतीय थल सेना में सैल्यूट का तरीका
भारतीय थल सेना में हथेली को पूरी तरह से खुला हुआ रखा जाता है, जिसमें अंगूठा जमीन की तरफ होता है और हथेली सामने की ओर होती है। हाथ से कोहनी का हिस्सा 90 डिग्री का कोण बनाता है।
सैल्यूट की विशेषता
यह सैल्यूट यह दिखाता है कि अधिकारी के हाथ में कोई हथियार नहीं है और उसके मन में कोई छिपाव नहीं है। यह ईमानदारी और निष्ठा का प्रतीक है।
भारतीय नौसेना में सैल्यूट करने का तरीका
भारतीय नौसेना में भी सैल्यूट को खुली हथेली से किया जाता है। हालांकि, इसमें हथेली जमीन की तरफ 90 डिग्री का कोण नहीं बनाती है, बल्कि 45 डिग्री कोण के साथ जमीन की तरफ झुकती है।
सैल्यूट की विशेषता
पुराने समय में नाविक लंबी समुद्री यात्रा करते थे। ऐसे में यात्रा के दौरान उनके हाथ तेल व ग्रीस से गंदे होते थे। क्योंकि, यात्रा के दौरान उन्हें जहाज के इंजन की भी देखभाल करनी होती थी। ऐसे में अधिकारियों को अपने गंदे हाथ न दिखाना पड़े, इसलिए नाविक हथेली को थोड़ा जमीन की तरफ झुकाकर सैल्यूट करते थे। इस प्रकार यह एक ऐतिहासिक परंपरा है।
वायु सेना में सैल्यूट करने का तरीका
वायु सेना में खुली हथेली के साथ सैल्यूट किया जाता है, जिसमें हथेली जमीन के साथ 45 डिग्री का कोण बनाती है।
सैल्यूट की विशेषता
वायु सेना में इस तरह का सैल्यूट यह दर्शाता है कि वायु सेना आकाश की तरफ प्रगति के साथ आगे बढ़ रही है। यह आकाश की तरफ वायु सेना की उड़ान का प्रतीक है।
सैल्यूट का उद्देश्य
भारतीय सेना में सैल्यूट करना अधिकारी के प्रति सम्मान व आदर्श का प्रतीक है। साथ ही, यह बलों के कठोर अनुशासन और पदानुक्रम की प्रति समर्पण को दर्शाता है। ऐसे में आप कह सकते हैं कि सैल्यूट करना भारतीय सेना की परंपरा, कर्तव्यनिष्ठा, आदर्श व सम्मान का प्रतीक है।
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