आधुनिक शहरी यातायात के युग में मेट्रो नेटवर्क टिकाऊ परिवहन के लिए एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में उभरे हैं। ये तेज रफ्तार वाले सिस्टम लाखों लोगों के लिए कुशल, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती यात्रा सुनिश्चित करते हैं। चीन, भारत और दक्षिण कोरिया जैसे देश इस बदलाव में सबसे आगे हैं। वे ड्राइवर-रहित ट्रेनों और ऑटोमेटिक सेवाओं जैसी सुविधाओं के साथ स्मार्ट मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। इस लेख में मेट्रो की लंबाई के हिसाब से दुनिया के टॉप 5 देशों के बारे में बताया गया है। चीन इस सूची में पहले स्थान पर है और भारत गर्व के साथ इस वैश्विक शहरी परिवहन की दौड़ में तीसरे स्थान पर है।
दुनिया के टॉप 5 देश, जहां सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है
यहां उन टॉप 5 देशों की सूची दी गई है, जो लंबाई के हिसाब से मेट्रो नेटवर्क में वैश्विक रैंक रखते हैं:
| रैंक | देश | लंबाई (किमी में) |
| 1. | चीन | 10,187 |
| 2. | अमेरिका | 1389 |
| 3. | भारत | 1000 |
| 4. | जापान | 897 |
| 5. | दक्षिण कोरिया | 753 |
चीन
चीन का मेट्रो सिस्टम दुनिया में सबसे बड़ा है, जो दिसंबर 2024 तक 47 शहरों में 11,000 किमी से ज्यादा के क्षेत्र में फैला हुआ है।
टॉप 3 मेट्रो नेटवर्क:
-शंघाई मेट्रो – दुनिया में सबसे लंबा, 896 किमी, 508 स्टेशन
-बीजिंग सबवे – 879 किमी, 523 स्टेशन
-शेन्जेन मेट्रो – 595.1 किमी, 398 स्टेशन
ग्वांगझू मेट्रो और चेंगदू मेट्रो का भी तेजी से विस्तार हो रहा है।
मुख्य बातेंः
-इसमें रोजाना 3.7 अरब यात्री सफर करते हैं।
-इसकी खासियत तेज गति, कुशलता और पर्यावरण के अनुकूल होना है।
-चीन में मेट्रो का तेजी से विस्तार शहरी परिवहन का भविष्य तय कर रहा है।
अमेरिका
अमेरिका के मेट्रो नेटवर्क शहरी जीवन की महत्त्वपूर्ण धमनी की तरह हैं। ये न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एंजिल्स जैसे शहरों में तेज और कुशल परिवहन प्रदान करते हैं। ये नेटवर्क हजारों मील तक फैले हुए हैं, जो ट्रैफिक जाम को कम करते हैं और पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को भी घटाते हैं।
टॉप 3 मेट्रो नेटवर्क:
-न्यूयॉर्क सिटी सबवे – 472 स्टेशन, 245 मील
-शिकागो ट्रांजिट अथॉरिटी (CTA) – 145 स्टेशन, 224 मील
-वाशिंगटन मेट्रो – 91 स्टेशन, 117 मील
मुख्य बातें:
-बुनियादी ढांचे और स्थिरता में सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है।
-अमेरिका का मेट्रो सिस्टम लगातार विकसित हो रहा है, जो शहरी गतिशीलता को बढ़ावा दे रहा है।
भारत
भारत में मेट्रो सिस्टम तेजी से बढ़ रहे हैं और बड़े शहरों में लाखों लोगों के आने-जाने के तरीके को बदल रहे हैं। ट्रैफिक जाम को कम करने और स्थिरता पर ध्यान देने के साथ ये मेट्रो नेटवर्क शहरी परिवहन का भविष्य तय करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
-टॉप 3 मेट्रो नेटवर्क:
-दिल्ली मेट्रो – 391 किमी, 286 स्टेशन
-कोलकाता मेट्रो – 40 किमी, 34 स्टेशन
-बंगलुरु मेट्रो – 42 किमी, 41 स्टेशन
मुख्य बातें:
-पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल संचालन पर ध्यान दिया जा रहा है।
-भारत का मेट्रो विस्तार शहरी गतिशीलता और स्थिरता के लिए एक बड़ा बदलाव है।
जापान
जापान का मेट्रो सिस्टम अपने समय पर चलने, कुशलता और नई तकनीक के लिए मशहूर है। यह रोजाना लाखों यात्रियों को सेवा देता है। ये नेटवर्क देश के परिवहन ढांचे की नींव हैं, जो शहरों में सुगम यातायात सुनिश्चित करते हैं।
टॉप 3 मेट्रो नेटवर्क:
-टोक्यो मेट्रो – 304 किमी, 180 स्टेशन
-ओसाका मेट्रो – 140 किमी, 130 स्टेशन
-नागोया सिटी सबवे – 104 किमी, 98 स्टेशन
मुख्य बातें:
-समय पर चलने और विश्वसनीयता में दुनिया में सबसे आगे है।
-सुरक्षा, नई तकनीक और ऊर्जा कुशलता पर ध्यान दिया जाता है।
-जापान का मेट्रो सिस्टम शहरी परिवहन में दुनिया के लिए मानक तय कर रहा है।
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया का मेट्रो सिस्टम अपनी आधुनिक तकनीक, कुशलता और बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिए जाना जाता है। ये नेटवर्क रोजाना लाखों यात्रियों को सेवा देते हैं और टिकाऊ शहरी परिवहन के लिए बहुत जरूरी हैं। ये बड़े शहरों में तेज और भरोसेमंद यात्रा की सुविधा देते हैं।
टॉप 3 मेट्रो नेटवर्क:
-सियोल मेट्रो – 1,100 किमी, 800 स्टेशन
-बुसान मेट्रो – 129 किमी, 49 स्टेशन
-इंचियोन मेट्रो – 40 किमी, 28 स्टेशन
मुख्य बातें:
-ये सिस्टम हाई-टेक, पर्यावरण के अनुकूल और उपयोगकर्ता-केंद्रित हैं।
-ये समय पर और कुशलता से चलते हैं, जिससे रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं।
-दक्षिण कोरिया का मेट्रो नेटवर्क आधुनिक और टिकाऊ शहरी परिवहन का एक बेहतरीन मॉडल है।
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