राजस्थान में स्थित जयपुर जंक्शन को भारत का सबसे साफ रेलवे स्टेशन माना गया है। रेल मंत्रालय ने 'स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत' पहल के तहत एक स्वच्छता सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में जयपुर को 1,000 में से 931.75 के कुल स्वच्छता स्कोर के साथ पहला स्थान मिला। इस सर्वेक्षण में स्टेशनों का मूल्यांकन कचरा प्रबंधन, सफाई की सुविधाओं और समग्र रखरखाव जैसे पैमानों पर किया गया।
जयपुर जंक्शन क्यों खास है?
-बेहतरीन सफाई व्यवस्था
जयपुर जंक्शन को अपनी बेहतरीन सफाई व्यवस्था के कारण टॉप रैंकिंग मिली। स्टेशन पर अच्छी तरह से बनाए गए प्लेटफॉर्म, आधुनिक सफाई सुविधाएं और कुशल कचरा प्रबंधन सिस्टम हैं। इसके अलावा, जयपुर जंक्शन को 'CII-IGBC ग्रीन रेटिंग ऑफ रेलवे स्टेशन प्रोग्राम' के तहत इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा प्लेटिनम रेटिंग दी गई है। यह इस योजना के तहत दी जाने वाली सबसे ऊंची रेटिंग है।
पर्यावरण के अनुकूल पहलें
स्टेशन ने पर्यावरण के अनुकूल कई पहलें लागू की हैं। इनमें ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर पैनल लगाना, बारिश के पानी को बचाने की व्यवस्था और ऊर्जा बचाने वाली लाइटों का उपयोग शामिल है। ये उपाय न केवल पर्यावरण को टिकाऊ बनाने में मदद करते हैं, बल्कि यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर बनाते हैं।
जयपुर जंक्शन पर सुविधाएं
यात्रियों का आराम और सुविधा
जयपुर जंक्शन यात्रियों के आराम के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस है। स्टेशन पर साफ-सुथरे वेटिंग रूम, अच्छी तरह से बनाए गए शौचालय, मुफ्त वाई-फाई और कई तरह के फूड स्टॉल हैं, जहां स्थानीय और विदेशी व्यंजन मिलते हैं। यहां दिव्यांग यात्रियों के लिए भी खास जगहें हैं, जिससे सभी के लिए स्टेशन पर आना-जाना आसान हो।
वास्तुशिल्प की विरासत
स्टेशन की बनावट में राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलती है। इमारत में पारंपरिक राजस्थानी डिजाइन देखने को मिलते हैं। इस पर की गई बारीक नक्काशी और चित्रकारी स्थानीय संस्कृति और इतिहास को दर्शाती है। आधुनिक सुविधाओं और पारंपरिक खूबसूरती का यह मेल जयपुर जंक्शन को यात्रियों के लिए एक अनोखा और स्वागत करने वाला स्थान बनाता है।
जयपुर के बारे में कुछ रोचक तथ्य
-जयपुर को 'गुलाबी शहर' के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां के पुराने शहर की इमारतें खास गुलाबी रंग की हैं। यह रंग 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के स्वागत के लिए चुना गया था और यह मेहमाननवाजी का प्रतीक है।
-जयपुर की स्थापना 1727 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। वे एक दूरदर्शी शासक और खगोलशास्त्री थे। उन्होंने शहर को एक अनोखे ग्रिड पैटर्न पर डिजाइन किया था, जिससे यह भारत के शुरुआती योजनाबद्ध शहरों में से एक बन गया।
-2019 में जयपुर को उसकी समृद्ध बनावट की विरासत के लिए यूनेस्को विश्व धरोहर शहर घोषित किया गया था। इस विरासत में किले, महल और पारंपरिक शहरी योजना शामिल है।
-आमेर का किला जयपुर के ठीक बाहर स्थित है। यह राजपूत वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है, जिसमें बारीक नक्काशी, शीशे का काम और बड़े-बड़े आंगन हैं। यह आज भी पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है।
-जयपुर पारंपरिक आभूषणों, रत्नों और हस्तशिल्प का एक बड़ा केंद्र है। यह शहर खास तौर पर कुंदन और मीनाकारी के काम के लिए मशहूर है, जो दुनिया भर से खरीदारों को अपनी ओर खींचता है।
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