भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदाता सूची को और अधिक सटीक, पारदर्शी एवं समावेशी बनाने के उद्देश्य से “विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR)” के दूसरे फेज की शुरुआत की है। बिहार में पहले फेज की सफल पूर्णता के बाद अब यह राष्ट्रीय स्तर पर 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) में लागू किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य मतदाता लिस्ट को सही और त्रुटिरहित बनाना, खासकर पिछले दो दशकों में हुए जनसांख्यिकीय बदलावों और प्रवास के कारण। इस लिस्ट में यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य शामिल है.
SIR फेज़-2 क्यों किया जा रहा लागू
इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत घर-घर जाकर मतदाता विवरण का सत्यापन किया जाएगा और पुराने मतदाता सूचियों (2002–2004) से मिलान किया जाएगा। यदि किसी मतदाता का नाम पुराने रिकॉर्ड में नहीं मिलता, तो उससे अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे जाएंगे ताकि उसका नाम सही ढंग से जोड़ा जा सके।
पहला फेज बिहार में पूरा हो चुका है, जिससे मतदाता सूची अधिक सटीक और त्रुटि-मुक्त हुई है। अब दूसरे फेज में करीब 51 करोड़ मतदाताओं वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया जा रहा है।
SIR फेज़-2 कब से हो रहा शुरू:
| फेज | डिटेल्स | तिथि |
| गृह सत्यापन प्रारंभ | मतदाता सूचियों का घर-घर सत्यापन | 4 नवंबर 2025 |
| ड्राफ्ट रोल जारी | प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशन | 9 दिसंबर 2025 |
| अंतिम सूची जारी | संशोधित मतदाता सूची प्रकाशन | 7 फरवरी 2026 |
किन राज्यों में किया जा रहा लागू:
बिहार के बाद, आगामी जिन राज्यों में विधान सभा चुनाव कराये जायेंगे, उसके मद्देनजर SIR की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. आप यहाँ सभी 12 राज्यों के नाम देख सकते है.
| क्रमांक | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | विशेष जानकारी |
| 1 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | केंद्र शासित प्रदेश |
| 2 | छत्तीसगढ़ | |
| 3 | गोवा | |
| 4 | गुजरात | |
| 5 | केरल | 2026 में विधानसभा चुनाव |
| 6 | लक्षद्वीप | केंद्र शासित प्रदेश |
| 7 | मध्य प्रदेश | |
| 8 | पुडुचेरी | केंद्र शासित प्रदेश, 2026 में चुनाव |
| 9 | राजस्थान | |
| 10 | तमिलनाडु | 2026 में विधानसभा चुनाव |
| 11 | उत्तर प्रदेश | |
| 12 | पश्चिम बंगाल | 2026 में विधानसभा चुनाव |
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SIR से क्या बदेलगा:
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यह अभियान सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे, और कोई भी अयोग्य नाम सूची में शामिल न रहे।
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प्रवास, मृत्यु या अन्य कारणों से हुई त्रुटियों को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि असम में मतदाता सूची पुनरीक्षण की अलग समय-सारणी होगी, क्योंकि वहां नागरिकता और NRC से संबंधित विशेष स्थिति है।
SIR का यह दूसरा चरण देश के चुनावी ढांचे में विश्वसनीयता और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2026 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं (जैसे तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी), वहां यह प्रक्रिया और भी अहम भूमिका निभाएगी।
यह कदम न केवल मतदाता सूची को अद्यतन करेगा, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक तंत्र को और अधिक सशक्त और भरोसेमंद बनाएगा।
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