National Sports Day 2025: भारत में खेल की दुनिया में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाते हैं। इस कड़ी में खेल से जुड़े खिलाड़ी और उनके कोच को भी पुरस्कृत किया जाता है। भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर खेलों की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों व उनके कोच को पुरस्कृत किया जाता है।
इस दिन सभी पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा दिए जाते हैं। यह दिवस हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के अवसर पर आयोाति होता है। ऐसे में इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर राष्ट्रीय खेल दिवस पर कौन-कौन से पुरस्कार दिए जाते हैं।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
यह भारत का सर्वोच्च खेल रत्न पुरस्कार है। किसी खिलाड़ी द्वारा पिछले चार वर्षों की अवधि में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। इसके इतिहास की बात करें, तो इसकी शुरुआत 1991-92 में हुई थी। शुरुआत में इसे राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार नाम से जाना जाता था। हालांकि, अगस्त 2021 में इसका नाम बदला गया। इसमें खिलाड़ी को 25 लाख रुपये, पदक और प्रमाण पत्र दिया जाता है।
अर्जुन पुरस्कार
यह पुरस्कार भी उन खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने बीते चार वर्षों में खेलों की दुनिया में लगातार अच्छा प्रदर्शन, नेतृत्त्व, और खेल भावना के साथ-साथ अनुशासन का पालन किया हो। इसके इतिहास की बात करें, तो यह 1961 में शुरू हुआ था। आपको बता दें कि यह भारत में खेलों की दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। इस पुरस्कार में नगद राशि के रूप में 15 लाख रुपये, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और प्रमाण पत्र दिया जाता है।
द्रोणाचार्य पुरस्कार
यह पुरस्कार उन कोच को दिया जाता है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत के लिए पदक जीता हो। इसके इतिहास की बात करें, तो यह 1985 से शुरू हुआ था। आपको बता दें कि यह नियमित और आजीवन श्रेणी में दिया जाता है। पुरस्कार के तहत 15 लाख रुपये नकद, द्रोणाचार्य की कांस्य प्रतिमा और एक प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।
ध्यानचंद पुरस्कार
यह पुरस्कार ऐसे खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो। साथ ही, संन्यास के बाद भी खेलों के लिए प्रचार-प्रसार भी किया हो। इसमें 10 लाख रुपये नकद, एक प्रतिमा और प्रमाण पत्र दिया जाता है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी
आपको बता दें कि यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय खेल पुरस्कार है। यह ट्रॉफी विशेष रूप से विश्वविद्यालयों को दी जाती है। ऐसे विश्वविद्यालय, जिन्होंने एक साल में अंतर-विश्वविद्यालय टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया होता है। इसके इतिहास की बात करें, तो इसका इतिहास 1956 से है। इसमें 15 लाख रुपये और ट्रॉफी दी जाती है।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार ऐसे कॉर्पोरेट संस्थाओं व निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों को दिया जाता है, जिन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने में मदद की हो।
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