किसी भी भाषा में इस्तेमाल होने वाली लिपि की सबसे बुनियादी विशेषताओं में से एक है लिखने की दिशा। दुनिया की ज्यादातर भाषाएं बाएं से दाएं (LTR) लिखी जाती हैं, लेकिन कई प्रमुख भाषाएं ऐसी भी हैं, जिनकी लिपियां दाएं से बाएं (RTL) लिखी जाती हैं। इनमें से अधिकांश भाषाएं मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और मध्य व दक्षिण एशिया के कुछ इलाकों में मौजूद हैं।
दाएं से बाएं लिखी जाने वाली भाषाओं के बारे में और जानने के लिए आगे पढ़ें। नीचे एक विस्तृत टेबल दी गई है, जिसमें इन भाषाओं और उनसे जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यों की सूची है।
कुछ भाषाएं दाएं से बाएं क्यों लिखी जाती हैं?
इस बात का कोई सटीक ऐतिहासिक कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि कुछ भाषाओं की लिपियां दाएं से बाएं क्यों विकसित हुईं। जानकारों का मानना है कि लिखने की दिशा शायद उन उपकरणों और माध्यमों से तय हुई होगी, जिनका इस्तेमाल प्राचीन लेखक करते थे। उदाहरण के लिए, दाएं हाथ से लिखने वालों के लिए पत्थर पर या खुले हुए पेपिरस पर दाएं से बाएं लिखना ज्यादा सुविधाजनक था। यह बात खासकर सामी (Semitic) लिपियों के लिए सच है।
ज्यादातर RTL भाषाएं लैटिन वर्णमाला का इस्तेमाल नहीं करती हैं। इसके बजाय, वे अरबी, हिब्रू, सीरियाई या एनको (N'Ko) जैसी लिपियों का प्रयोग करती हैं।
दाएं से बाएं लिखी जाने वाली आम भाषाएं
नीचे कुछ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली और जानी-मानी भाषाओं की सूची दी गई है, जो दाएं से बाएं लिखी जाती हैं:
भाषा | क्षेत्र / बोलने वाले | इस्तेमाल की गई लिपि | बोलने वालों का अनुमान (लगभग) |
अरबी | मिडिल ईस्ट, नॉर्थ अफ्रीका | अरेबिक स्क्रीप्ट | 31 करोड़ से ज्यादा मूल निवासी |
हिब्रू | इजरायल | हिब्रू स्क्रीप्ट | 90 लाख |
फारसी | ईरान, अफगानिस्तान | पर्सियन स्क्रीप्ट | 8 करोड़ (फारसी, दारी) |
उर्दू | पाकिस्तान और भारत | पर्सो-अरेबिक स्क्रीप्ट | 7 करोड़ |
सीरियाई | मिडिल ईस्ट | सीरियक स्क्रीप्ट | 5 लाख - 10 लाख |
अरामी | मिडिल ईस्ट | अरामिक स्क्रीप्ट | दसियों हजार |
अजेरी (ईरान और कुछ लिपियों में) | अजरबैजान और ईरान | अरबी लिपि | 2.7 करोड़ |
दिवेही (मालदीवियन) | मालदीव्स | थाना स्क्रीप्ट | 3 लाख से ज्यादा |
कुर्दिश (सोरानी बोली) | इराक और ईरान | अरबी स्क्रीप्ट | लाखों में |
एनको (N’Ko) | पश्चिमी अफ्रीका | एन्को लिपि | लगभग 40 लाख |
पश्तो | अफगानिस्तान और पाकिस्तान | अरबी लिपि | 5 करोड़ से ज्यादा |
रोहिंग्या | म्यांमार और बांग्लादेश | अरबी लिपि | कुछ लाख |
फुला (अडलम लिपि) | पश्चिमी अफ्रीका | अडलम लिपि | करोड़ों में |
सिंधी | भारत और पाकिस्तान | अरबी लिपि | लगभग 3 करोड़ |
यिडिश | विश्वभर के यहूदी समुदाय में | हिब्रू | 15 लाख |
लिपियों और भाषाओं के बारे में कुछ खास बातें
-ये भाषाएं अरबी लिपि के अलग-अलग रूपों का इस्तेमाल करती हैं। इन लिपियों को ध्वनि संबंधी जरूरतों के हिसाब से अक्षरों को जोड़कर या बदलकर बनाया गया है।
-हिब्रू लिपि का इस्तेमाल हिब्रू और यिडिश में किया जाता है।
-सीरियाई और अरामी पुरानी सामी (Semitic) लिपियां हैं, जिनका इस्तेमाल आज भी कुछ छोटे समुदाय करते हैं।
-एनको (N'Ko) लिपि का आविष्कार 1949 में विशेष रूप से पश्चिम अफ्रीका की मांडे भाषाओं के लिए किया गया था।
-थाना लिपि विशेष रूप से मालदीवियन भाषा के लिए है और इसे भी दाएं से बाएं पढ़ा जाता है।
-कुछ भाषाएं, जैसे पश्तो, कुर्दिश सोरानी और सिंधी, जातीय भाषाएं हैं, जो अरबी पर आधारित लिपियों का उपयोग करती हैं।
यह जानना क्यों जरूरी है?
भाषाविदों, टाइपोग्राफरों, वेब डेवलपर्स और अनुवादकों के लिए यह जानना जरूरी है कि कौन सी भाषाएं RTL हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि टेक्स्ट को सही ढंग से दिखाने और यूजर इंटरफेस को ठीक से बनाने के लिए यह जानकारी बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह लेआउट, टेक्स्ट अलाइनमेंट, विराम चिह्नों की दिशा और सॉफ्टवेयर को स्थानीय जरूरतों के हिसाब से ढालने जैसी चीजों को प्रभावित करता है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation