भारत में कहां है दुनिया की सबसे बड़ी भगवद् गीता, जानें

Sep 8, 2025, 17:20 IST

दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में रखी "एस्टाउंडिंग भगवद् गीता" दुनिया की सबसे बड़ी छपी हुई पवित्र पुस्तक है, जिसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने प्रमाणित किया है। इसका वजन 800 किलो है और इसका माप 2.8 मीटर x 2 मीटर है। इसमें न फटने वाले पन्नों पर संस्कृत के सभी 700 मूल श्लोक शामिल हैं। इसका उद्घाटन 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह पुस्तक आस्था का प्रतीक और आधुनिक प्रकाशन का एक चमत्कार है।

दुनिया की सबसे बड़ी भगवद् गीता
दुनिया की सबसे बड़ी भगवद् गीता

भगवद् गीता की दुनिया की सबसे बड़ी प्रति, जिसका नाम "एस्टाउंडिंग भगवद् गीता" है, भारत के नई दिल्ली में इस्कॉन मंदिर में रखी गई है। यह शानदार ग्रंथ न केवल हिंदू दर्शन की महान आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यह बड़े पैमाने पर इंसान की क्षमताओं और समर्पण को भी दिखाता है।

इस पवित्र पुस्तक की लंबाई 2.8 मीटर से ज्यादा और चौड़ाई 2 मीटर है। इसका वजन लगभग 800 किलोग्राम है। यह अपने आप में एक अनोखा अजूबा है, जो हर साल दुनिया भर के पर्यटकों, शोधकर्ताओं और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।

दुनिया की सबसे बड़ी भगवद् गीता के बारे में रोचक तथ्य

-वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने "एस्टाउंडिंग भगवद् गीता" को दुनिया की सबसे बड़ी छपी हुई पवित्र पुस्तक माना है। इसमें 670 पेज हैं, जो वाटरप्रूफ और न फटने वाले हैं।

-इसे इटली के मिलान में बनाया और छापा गया था। फिर इसे दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में स्थापित करने के लिए भारत भेजा गया।

-इस पुस्तक में मूल संस्कृत श्लोकों और उनकी विस्तृत व्याख्या के साथ 18 सुंदर पेंटिंग्स भी हैं।

-भगवद् गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। इन्हें मूल रूप से 5,000 साल पहले कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था।

-भगवद् गीता की शिक्षाओं का 175 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इसने अल्बर्ट आइंस्टीन और महात्मा गांधी जैसे दुनिया के महानतम लोगों पर भी अपनी छाप छोड़ी है।

-इस विशाल पुस्तक का उद्देश्य केवल रिकॉर्ड तोड़ना नहीं है। इसका मकसद यहां आने वाले सभी लोगों को शांतिपूर्ण जीवन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करना भी है।

स्थान और महत्त्व

दुनिया की सबसे बड़ी भगवद् गीता दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित इस्कॉन मंदिर परिसर के 'ग्लोरी ऑफ इंडिया वेदिक कल्चरल सेंटर' में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखी गई है। यह रचनात्मक नवीनता और आस्था का एक प्रतीक है। यह गीता में दिए गए प्राचीन ज्ञान और आज के जीवन के लिए व्यावहारिक सलाह को बढ़ावा देती है।

इस विशाल भगवद् गीता, जिसे "एस्टाउंडिंग भगवद् गीता" कहा जाता है, को दिल्ली के इस्कॉन मंदिर परिसर के भीतर 'ग्लोरी ऑफ इंडिया वेदिक कल्चरल सेंटर' में रखा गया है। यह मंदिर अपने आप में एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण का केंद्र है। यहां हर साल दुनिया भर से हजारों तीर्थयात्री और भक्त आते हैं।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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