ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के 1988 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्हें राजीव कुमार की जगह भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) चुना गया था। हालांकि, इन दिनों वह वोटर लिस्ट को लेकर विपक्ष के आरोपों के घेरे में हैं। चुनाव में वोटल लिस्ट में गड़बड़ी के मामले को लेकर विपक्ष द्वारा उनके ऊपर आरोप लगाए गए हैं। साथ ही, पूरा विपक्ष चुनाव आयोग के विरुद्ध है। कुमार का 26 जनवरी, 2029 तक इस पद पर कार्यकाल है।
कैसे हुआ था मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन
कुमार का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने किया था। इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे। लेकिन, इस चयन पर विवाद खड़ा हो गया था, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने चयन प्रक्रिया और समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर रखने का विरोध किया था। पार्टी ने तर्क दिया था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर फैसला नहीं सुना देता, तब तक इस चयन को टाल देना चाहिए था।
पिछली भूमिकाएं और जिम्मेदारियां
इस नियुक्ति से पहले कुमार 15 मार्च, 2024 से चुनाव आयुक्त के पद पर थे। चुनाव आयोग का सदस्य बनने से पहले कुमार विभिन्न मंत्रालयों में एक प्रमुख अधिकारी थे। वे संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव थे। वहीं, वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी शामिल थे। 2019 में जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, तब वह जम्मू और कश्मीर मामलों के प्रभारी भी थे।
ज्ञानेश कुमार की शैक्षणिक पृष्ठभूमि
ज्ञानेश कुमार की शैक्षणिक पृष्ठभूमि विविध है, जिससे उन्हें एक कुशल सिविल सेवक बनने में मदद मिली है। उन्होंने अपनी पढ़ाई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech के साथ शुरू की। इसके बाद उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। तकनीकी, वित्त और पर्यावरण संबंधी ज्ञान के इस मिश्रण ने उन्हें एक प्रभावी प्रशासक बनने में मदद की है। वह 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
कौन-से चुनाव की है जिम्मेदारी
CEC के रूप में कुमार को कई महत्त्वपूर्ण चुनावों की निगरानी करनी है। इनमें इस साल की दूसरी छमाही में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु के राज्य चुनाव भी शामिल हैं। हालांकि, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही वह विपक्ष के आरोपों से घिर गए हैं।
नए कानून के अनुसार हुई थी नियुक्ति
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून के अनुसार की गई पहली नियुक्ति है। सिविल सेवाओं और उच्च-स्तरीय भूमिकाओं में उनके लंबे अनुभव और शैक्षणिक योग्यता की वजह से उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया था।
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