भारत की पहली मालगाड़ी कब और कहां चली थी, जानें यहां

Sep 29, 2025, 14:08 IST

भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन भी कहा जाता है। वर्तमान में रेलवे में प्रतिदिन करोड़ों यात्रियों के साथ-साथ लाखों मीट्रिक टन माल की ढुलाई भी होती है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली मालगाड़ी कब और कहां चली थी। इस लेख में हमने पूरी जानकारी दी है। 

भारत की पहली मालगाड़ी
भारत की पहली मालगाड़ी

भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी और एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क वाली सेवा है। रेलवे में प्रतिदिन करीब 2.5 करोड़ यात्री सफर कर अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं। इसके अतिरिक्त, रेलवे में प्रतिदिन लाखों मीट्रिक टन माल की ढुलाई होती है, जिससे रेलवे में आर्थिक विकास के पहिये को रफ्तार मिलती है।

क्योंकि, रेलवे में आय का एक बड़ा हिस्सा माल ढुलाई से प्राप्त होता है। हालांकि, क्या आप इस बात को जानते हैं कि भारत में चलनी वाली पहली यात्री ट्रेन से पहले मालगाड़ी चल चुकी थी। भारत में कब चली थी पहली मालगाड़ी और कहां से कहां तक किया था सफर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

भारत में कब चली पहली मालगाड़ी 

भारत में पहली मालगाड़ी का संचालन 22 दिसंबर, 1851 में हुआ था। उस समय भारत में यह इस तरह की यह पहली ट्रेन चली थी। 

कहां से कहां तक चली थी पहली मालगाड़ी

भारत की पहली मालगाड़ी रूड़की से पिरान कलियर के बीच चली थी। इन दोनों जगहों की बात करें, तो यह उत्तराखंड राज्य में स्थित है। 

क्यों चलाई गई थी मालगाड़ी

दरअसल, उस समय गंगा नहर का निर्माण चल रहा था। ऐसे में ब्रिटिश को मिट्टी और अन्य निर्माण सामाग्री को ढोने की आवश्यकता थी। इसको देखते हुए इन दोनों जगहों के बीच रेलवे ट्रैक बिछाया गया और इस मालगाड़ी का संचालन हुआ। 

इंग्लैंड से मंगाया गया था इंजन

आपको बता दें कि उस समय मालगाड़ी के संचालन के लिए इंग्लैंड से इंजन मंगाया गया था। साथ ही, इंजन के पीछे दो बोगियों को जोड़ा गया, जिनमें करीब 200 टन तक माल लादा गया। इंजन ने 10 किलोमीटर की दूरी को 38 मिनट में पूरा किया था। आपको बता दें कि इस इंजन को जेनी लिंड नाम से जाना जाता था।

1852 में दुर्घटना का शिकार हुई ट्रेन 

दुर्भाग्य की बात यह है कि यह ट्रेन सिर्फ 9 महीने तक ही चली। साल 1852 में यह ट्रेन एक दुर्घटना का शिकार हो गई और इसके इंजन में आग लग गई। ऐसे में इस घटना के बाद मालगाड़ी का संचालन बंद हो गया। 

वर्तमान में क्या है स्थिति

मौजूदा समय में यह लाइन पूरी तरह से बंद है और अब यहां ये दोनों रेलवे स्टेशन भी नहीं हैं। क्योंकि, गंगा नहर का निर्माण पूरा होने के बाद यह इस ट्रैक को बंद कर दिया गया था और दुर्घटना के बाद ब्रिटिश ने कभी इस रेल सेवा पर ध्यान नहीं दिया।  

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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