मुंबई का जुहू एयरोड्रम भारत का पहला एयरपोर्ट था, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान 1928 में स्थापित किया गया था। यहीं से भारत में नागरिक उड्डयन की यात्रा शुरू हुई और इसने देश के शुरुआती हवाई यात्रा के इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई।
जुहू एयरोड्रम कहां स्थित है? जुहू एयरोड्रम महाराष्ट्र के मुंबई में अरब सागर के तट के पास स्थित है। आज के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बनने से पहले, यह मुंबई का मुख्य एयरपोर्ट हुआ करता था।
New GST Slab: नए जीएसटी स्लैब में क्या हुआ सस्ता और किस पर हुआ 0% GST? देखें पूरी लिस्ट
RAC यात्रियों के लिए खुशखबरी, भारतीय रेलवे ने उठाया यह अहम कदम
पहली ऐतिहासिक उड़ान किसने भरी थी?
1932 में, जे.आर.डी. टाटा ने भारत की पहली व्यावसायिक उड़ान कराची से मुंबई तक चलाई और जुहू एयरोड्रम पर उतरे। इस ऐतिहासिक पल के साथ ही टाटा एयरलाइंस की शुरुआत हुई, जो बाद में एयर इंडिया बनी।
जुहू एयरपोर्ट का उद्देश्य क्या था?
शुरुआत में, इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल विमानों के रखरखाव, फ्लाइंग क्लब और छोटे विमानों के संचालन के लिए किया जाता था।
यह जल्द ही शुरुआती भारतीय पायलटों और डाक उड़ानों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया।
क्या जुहू एयरपोर्ट अभी भी चालू है?
हां, लेकिन अब इसका उपयोग केवल हेलीकॉप्टर सेवाओं, छोटे विमानों और पायलट ट्रेनिंग स्कूलों तक ही सीमित है।
व्यावसायिक उड़ानें अब छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से होती हैं, जो 1948 में खुला था।
भारत के पहले एयरपोर्ट के बारे में रोचक तथ्य
1. भारत का पहला नागरिक उड्डयन केंद्र
जुहू एयरोड्रम ने भारतीय विमानन के शुरुआती केंद्र के रूप में काम किया। आधुनिक एयरपोर्ट बनने से पहले यहां से शुरुआती एयरमेल सेवाएं और छोटे विमान संचालित होते थे।
2. पहली उड़ान 1932 में यहां उतरी थी
जे.आर.डी. टाटा की कराची से बॉम्बे की उड़ान यहीं उतरी थी। इस घटना ने भारत की पहली एयरमेल सेवा शुरू की और भारतीय हवाई यात्रा का इतिहास बदल दिया।
3. अनोखे लैंडिंग वाला तटीय एयरपोर्ट
अरब सागर के पास होने के कारण, यह भारत के उन कुछ एयरपोर्ट में से एक था जो समुद्र तट के इतने करीब बना था। इसके सुंदर लोकेशन की वजह से यहां लैंडिंग और टेकऑफ यादगार बन जाते थे।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation