Essay on Constitution of India in Hindi: भारतीय संविधान पर 10 पंक्तियाँ, छोटे और बड़े निबंध यहां पढ़ें

Nov 25, 2025, 17:36 IST

Constitution Day Essay Writing in Hindi: भारतीय संविधान पर आसान और प्रभावशाली निबंधों के लिए इस लेख को पढ़ें। यहाँ छात्रों को 10 पंक्तियों का निबंध, छोटा निबंध और लंबा निबंध—तीनों के लिए उपयोगी सामग्री और विचार मिलेंगे।  

Essay on Constitution of India in Hindi: भारतीय संविधान पर 10 पंक्तियाँ, छोटे और बड़े निबंध यहां पढ़ें
Essay on Constitution of India in Hindi: भारतीय संविधान पर 10 पंक्तियाँ, छोटे और बड़े निबंध यहां पढ़ें

Essay on Constitution of India: भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जाता है। इस दिन 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान (Indian Constitution) को अपनाया गया था। स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में इस अवसर पर विशेष सभाएँ, संविधान पाठ, भाषण, तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं, जिनमें छात्र भारतीय संविधान के महत्व, उद्देश्यों, इतिहास और विशेषताओं पर निबंध लिखते हैं।

इस लेख में हमने Essay on Constitution of India in Hindi (भारतीय संविधान पर निबंध) को अलग-अलग रूपों में प्रस्तुत किया है—बच्चों के लिए 10 पंक्तियाँ, छात्रों के लिए 300 शब्द, 500 शब्द, और 1000 शब्द का प्रभावशाली एवं सरल निबंध। ये सभी निबंध आसान, प्रभावी हैं और स्कूल प्रतियोगिताओं और असाइनमेंट्स के लिए उपयोगी तथा पुरस्कार-विजेता स्तर के हैं। ये निबंध आसान, प्रभावी और prize-winning essays हैं, जो स्कूल असाइनमेंट और प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त हैं।

भारतीय संविधान पर निबंध कैसे लिखें? (How to Write Indian Constitution Essay in Hindi)

भारतीय संविधान पर एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए विषय की मूल समझ, इतिहास और इसके महत्व को सही क्रम में प्रस्तुत करना आवश्यक है। निबंध में संविधान की संरचना, उद्देश्य और नागरिकों के अधिकार-कर्तव्यों का स्पष्ट उल्लेख आपके लेखन को और भी मजबूत बनाता है।

भारतीय संविधान पर निबंध लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • प्रस्तावना में संविधान क्या है और कब लागू हुआइसका उल्लेख करें।
  • संविधान निर्माताओं, संविधान सभा और डॉ. भीमराव अंबेडकर की भूमिका लिखें।
  • संविधान की विशेषताएँ  मूल तत्व बताएं।
  • नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और संविधान के महत्व का वर्णन करें।
  • अंत में संविधान दिवस के महत्व और हमारी जिम्मेदारियाँ लिखकर निष्कर्ष दें।

10 Lines Essay on Indian Constitution बच्चों के लिए भारतीय संविधान पर 10 पंक्तियाँ

  1. भारतीय संविधान हमारे देश का सर्वोच्च कानून है।
  2. इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था।
  3. डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष थे।
  4. संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
  5. इसमें नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य बताए गए हैं।
  6. यह हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय देता है।
  7. भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने में संविधान की बड़ी भूमिका है।
  8. भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान में से एक है।
  9. इसमें प्रस्तावना, मूल अधिकार, राज्य के नीति निदेशक तत्व और कई महत्वपूर्ण भाग शामिल हैं।
  10. हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान का पालन करे और उसका सम्मान करे।

Constitution Day Speech in English

भारतीय संविधान पर निबंध 300 शब्दों में 

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, और हमारा संविधान इस लोकतंत्र की मजबूत नींव है। भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसे बनाने में करीब 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे। संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे, जिन्हें संविधान के शिल्पकारकहा जाता है। भारतीय संविधान दुनिया के सबसे विस्तृत और सर्वसमावेशी संविधानों में से एक है। इसमें नागरिकों के मौलिक अधिकार, कर्तव्य, निर्देशित सिद्धांत, चुनाव प्रक्रिया, केंद्र व राज्य सरकारों की शक्तियाँ, और न्याय व्यवस्था का विस्तार से वर्णन किया गया है।

भारतीय संविधान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह विविधता से भरे देश को एक सूत्र में बाँधता है। इसमें हर वर्ग, हर समुदाय और हर नागरिक के हितों का ध्यान रखा गया है। इसी कारण यह संविधान सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, समानता और लोकतंत्र के मूल मूल्यों को सुरक्षित रखता है।
इसके साथ ही, संविधान नागरिकों को अधिकार देने के साथ-साथ उनके कर्तव्यों की भी याद दिलाता है, ताकि देश का विकास संतुलित और जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से हो सके।

संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता, न्याय, और बंधुत्व का संदेश देता है। यह हर नागरिक को अपनी बात कहने, धर्म मानने और अवसरों की समानता का अधिकार प्रदान करता है।
हर वर्ष भारत में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। स्कूलों में विशेष कार्यक्रम, भाषण प्रतियोगिताएँ और निबंध लेखन आयोजित किए जाते हैं। इस दिन छात्रों को संविधान के महत्व से अवगत कराया जाता है।

निष्कर्ष रूप में, भारतीय संविधान केवल कानूनों का दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आत्मा है, जो हमें एकता, अधिकार और जिम्मेदारी का बोध कराता है। यह हर भारतीय को प्रेरित करता है कि हम संविधान के सिद्धांतों और मूल्यों का पालन करें और एक सजग, जिम्मेदार तथा आदर्श नागरिक बनें।

500 शब्दों में भारतीय संविधान पर निबंध

भारतीय संविधान एक ऐसा महान दस्तावेज है जिसने स्वतंत्र भारत को एक मजबूत और स्थिर लोकतंत्र के रूप में स्थापित किया। यह दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है। इसे संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को अपनाया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया।

संविधान निर्माण प्रक्रिया बेहद विस्तृत और विचारपूर्ण थी। संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे। संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अंबेडकर थे, जिन्होंने विभिन्न विचारधाराओं, विश्व के प्रमुख संविधानों, ब्रिटिश शासनकाल की व्यवस्थाओं और भारतीय समाज की आवश्यकताओं का अध्ययन करके एक संतुलित और आधुनिक संविधान तैयार किया। उनके साथ अन्य महान नेताओं—जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे सदस्यों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

सर्वोच्चता: संविधान देश का सर्वोच्च कानून है।

धर्मनिरपेक्षता: सभी धर्मों को समान सम्मान।

लोकतंत्र: जनता द्वारा चुनी गई सरकार।

संघीय संरचना: केंद्र और राज्य दोनों को अधिकार।

मौलिक अधिकार: नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता, और संवैधानिक सुरक्षा।

मौलिक कर्तव्य: राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियाँ।

भारतीय संविधान की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी लचीलापन (Flexibility) है। इसमें आवश्यकतानुसार संशोधन किए जा सकते हैं, जिससे समय और समाज की बदलती जरूरतों के अनुसार कानूनों को संशोधित किया जा सके। अब तक संविधान में सौ से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं, जो इसकी प्रासंगिकता और जीवंतता का प्रमाण है।

इसके अतिरिक्त, संविधान में संविधान की प्रस्तावना (Preamble) एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें भारत को संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है। प्रस्तावना नागरिकों के लिए समानता, न्याय और बंधुत्व की भावना का आधार प्रस्तुत करती है। यह संविधान की आत्मा मानी जाती है और नागरिकों को देश के मूल उद्देश्यों की याद दिलाती है। 

संविधान में न्यायपालिका को स्वतंत्र रखा गया है ताकि नागरिकों को निष्पक्ष न्याय मिल सके। इसके साथ ही संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग, वित्त आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसी संस्थाएँ भी संविधान के तहत स्थापित की गई हैं, जो देश के सुचारू संचालन में अहम भूमिका निभाती हैं। 

हर वर्ष 26 नवंबर को Constitution Day मनाया जाता है। इस दिन देशभर में कार्यक्रम, शपथ समारोह, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा संविधान न केवल कानूनों का दस्तावेज है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है।

निष्कर्षतः, भारतीय संविधान हमारी आज़ादी, अधिकारों और लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करता है। हमें न केवल अपने अधिकारों का प्रयोग करना चाहिए, बल्कि अपने कर्तव्यों का पालन करके संविधान की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।

भारतीय संविधान पर 1000 शब्दों का निबंध

प्रस्तावना

भारतीय संविधान दुनिया के सबसे विस्तृत, आधुनिक और प्रगतिशील संविधानों में से एक है। यह केवल कानूनों का संग्रह नहीं है, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतिबिंब है। स्वतंत्रता के बाद एक ऐसा दस्तावेज आवश्यक था जो देश को एकजुट रखे, नागरिकों को अधिकार प्रदान करे और शासन के सिद्धांत तय करे। यही भूमिका भारतीय संविधान निभाता है।

संविधान का निर्माण

संविधान सभा का गठन 1946 में हुआ। इसमें विभिन्न प्रांतों से 299 सदस्य शामिल थे। संविधान निर्माण में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे। मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे, जिन्होंने इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय पर आधारित बनाया। संविधान सभा की बहसें, सुझाव और विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन इस संविधान की नींव बने।

भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ

1. लिखित व विस्तृत संविधान:
भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है। इसमें केंद्र, राज्य, न्यायपालिका, नागरिक अधिकार, कर्तव्य, चुनाव व्यवस्था, आपातकालीन प्रावधान आदि सभी विषयों का विस्तृत उल्लेख किया गया है। इसकी विस्तृत प्रकृति इसे स्पष्ट, पारदर्शी और लागू करने में आसान बनाती है।

2. संघीय ढांचा लेकिन मजबूत केंद्र:
भारत एक संघीय व्यवस्था का पालन करता है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा किया गया है। हालांकि, आपातकालीन स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में केंद्र को अधिक शक्तियाँ दी गई हैं। यही कारण है कि हमारी व्यवस्था को "सहकारी संघवाद" भी कहा जाता है।

3. संसदीय शासन प्रणाली:
भारतीय शासन प्रणाली ब्रिटेन के मॉडल पर आधारित है। इसमें सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है और संसद के प्रति जवाबदेह रहती है। प्रधानमंत्री कार्यपालिका का प्रमुख होता है और मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है।

4. धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र:
संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित करता है। इसका अर्थ है कि राज्य किसी भी धर्म को बढ़ावा नहीं देता और सभी धर्मों को समान सम्मान देता है। नागरिकों को अपनी पसंद का धर्म मानने, प्रचार करने और पालन करने की स्वतंत्रता है।

5. स्वतंत्र न्यायपालिका:
भारतीय न्यायपालिका पूर्णतः स्वतंत्र है, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सरकार के सभी अंगों पर नियंत्रण रखना है। सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालतें न्याय प्रदान करने के लिए निष्पक्ष तरीके से काम करती हैं।

6. मौलिक अधिकार और कर्तव्य:
संविधान नागरिकों को छह प्रमुख मौलिक अधिकार प्रदान करता है और साथ ही उन्हें राष्ट्र के प्रति कुछ कर्तव्यों का पालन करने की भी अपेक्षा करता है। ये अधिकार नागरिकों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और गरिमा सुनिश्चित करते हैं।

7. राज्य के नीति-निर्देशक तत्व:
ये तत्व सरकार को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नीतियाँ बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इनका उद्देश्य देश में समानता, विकास, सामाजिक न्याय और कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है।

8. एकल नागरिकता:
भारत में केवल एक नागरिकता होती हैभारतीय नागरिकता। चाहे व्यक्ति किसी भी राज्य में रहता हो, उसके अधिकार और पहचान समान रहते हैं। यह एकता और राष्ट्रीय भावना को मजबूत करता है।

ये विशेषताएँ भारतीय संविधान को अद्वितीय बनाती हैं।

मौलिक अधिकार

1. समानता का अधिकार:
यह अधिकार सभी नागरिकों को कानून के सामने समानता प्रदान करता है। जाति, धर्म, लिंग, भाषा या जन्मस्थान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। इसके तहत छुआछूत और भेदभाव पूर्णतः निषिद्ध हैं।

2. स्वतंत्रता का अधिकार:
नागरिकों को विचार, अभिव्यक्ति, भाषण, व्यवसाय, निवास और आंदोलन की स्वतंत्रता प्राप्त है। यह अधिकार लोकतंत्र की आत्मा है, जो प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात रखने और अपनी पसंद के काम करने का अवसर देता है।

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार:
यह अधिकार मानव तस्करी, जबरन मजदूरी और बाल श्रम को प्रतिबंधित करता है। इसका उद्देश्य नागरिकों को किसी भी प्रकार के शोषण से बचाना है।

4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार:
हर नागरिक को अपनी पसंद का धर्म अपनाने, प्रचार करने और पालन करने की स्वतंत्रता है। भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बनाए रखने में इस अधिकार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

5. सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार:
यह अधिकार भारत की विविध संस्कृति को संरक्षित करता है। अल्पसंख्यक समुदायों को अपने शैक्षिक संस्थान स्थापित करने और चलाने का अधिकार प्रदान करता है, ताकि उनकी भाषा, संस्कृति और विरासत सुरक्षित रह सके।

6. संवैधानिक उपचार का अधिकार:
यह सबसे महत्वपूर्ण अधिकार माना जाता है। यदि किसी नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। अदालतें नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष आदेश जारी कर सकती हैं।

नागरिकों के कर्तव्य

भारतीय संविधान में कुल 11 मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है, जो प्रत्येक नागरिक को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का बोध कराते हैं। इन कर्तव्यों का उद्देश्य राष्ट्र की एकता, विकास और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करना है। मौलिक कर्तव्यों में राष्ट्रीय ध्वज और संविधान का सम्मान करना, स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को अपनाना, देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करना, तथा राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना जैसे महत्वपूर्ण दायित्व शामिल हैं।

इसके अलावा नागरिकों को पर्यावरण, जंगलों, नदियों, झीलों और वन्य जीवन की रक्षा करने का कर्तव्य भी सौंपा गया है। बच्चों को शिक्षा प्रदान करना, महिलाओं की गरिमा का सम्मान करना, तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और सुधारात्मक सोच अपनाना भी मौलिक कर्तव्यों का हिस्सा है।

ये सभी कर्तव्य नागरिकों को याद दिलाते हैं कि अधिकारों के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाना भी हर भारतीय की जिम्मेदारी है।

भारतीय संविधान का महत्व

भारतीय संविधान देश को लोकतंत्र का स्वरूप देता है। यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है, सरकार की शक्तियों को सीमित करता है और शासन को पारदर्शी बनाता है। संविधान के बिना कोई भी राष्ट्र व्यवस्थित रूप से नहीं चल सकता।

हमें समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व की ओर अग्रसर करता है। संविधान देश की विविधता को एक सूत्र में पिरोता है और भारत की एकता को मजबूत बनाता है।

निष्कर्ष

भारतीय संविधान आज भी अपनी प्रासंगिकता और महत्व बनाए हुए है। यह देश की प्रगति, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय का स्तंभ है। हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन भी करना चाहिए, तभी हम संविधान की गरिमा को बनाए रख पाएंगे।

भारतीय संविधान पर स्लोगन (Slogans on Indian Constitution)

स्कूल के निबंध, भाषण, पोस्टर-मेकिंग या संविधान दिवस कार्यक्रमों में स्लोगन विषय को अधिक प्रभावी और आकर्षक बना देते हैं। ये छोटे-छोटे वाक्य संविधान के महत्व, उसके मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों को सरल भाषा में व्यक्त करते हैं। छात्र इन स्लोगनों का उपयोग अपने लेख, भाषण या प्रेज़ेंटेशन को और प्रभावशाली बनाने के लिए कर सकते हैं।

  • संविधान हमारा गर्व, भारत की पहचान।
  • अधिकार और कर्तव्यसंविधान की दो धुरी।
  • संविधान मजबूत तो लोकतंत्र मजबूत।
  • हमारा संविधान, हमारी ताकत।
  • न्याय, स्वतंत्रता और समानताभारत की मूल आत्मा।
  • संविधान देश का सर्वोच्च कानून है; जिस पर राष्ट्र टिका है।
  • भारत का संविधान, एक अनमोल धरोहर, समानता का प्रतीक, हर नागरिक का आधार।
  • संविधान की रक्षा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी।
  • जहाँ संविधान ज़िंदा है, वहाँ लोकतंत्र मजबूत है।
  • संविधान है देश की नींव, भारत की प्रगति का सच्चा सिद्धांत।

भारतीय संविधान पर दिए गए ये सभी निबंध छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी हैंचाहे वे स्कूल असाइनमेंट लिख रहे हों, भाषण दे रहे हों या किसी प्रतियोगिता में भाग ले रहे हों। इन निबंधों की भाषा सरल और सामग्री सशक्त है, इसलिए छात्र इन्हें अपनी आवश्यकता के अनुसार शब्द सीमा व विषय की मांग के अनुसार आसानी से संशोधित कर सकते हैं। ये तैयार निबंध उन्हें प्रभावी, सुव्यवस्थित और पुरस्कार योग्य लेखन प्रस्तुत करने में मदद करेंगे।

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Gurmeet Kaur
Gurmeet Kaur

Assistant Manager

Gurmeet Kaur is an Education Industry Professional with 10 years of experience in teaching and creating digital content. She is a Science graduate and has a PG diploma in Computer Applications. At jagranjosh.com, she creates content on Science and Mathematics for school students. She creates explainer and analytical articles aimed at providing academic guidance to students. She can be reached at gurmeet.kaur@jagrannewmedia.com

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